Lata Mangeshkar Biography || 36 भाषाओं में दी है अपनी आवाज || suron ki mallika

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Lata Mangeshkar Biography,
लता मंगेशकर सुरों की मल्लिका,

भारत देश के महान गायकों में से एक हैं। लता मंगेशकर जी देश-विदेश सभी जगह अपनी आवाज के लिए जानी जाती है। लता जी का नाम गिनीज बुक ऑफ वल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। इन्होंने सबसे ज्यादा गाना गाकर एक रिकॉर्ड दर्ज किया है। लता मंगेशकर जी ने 20 अलग-अलग
भाषाओं में 30,000 से अधिक गाने गाए हैं। अब तक तो यह 40000 के आंकड़े भी पार कर चुका होगा। अमेरिका के एक्सपर्ट और वैज्ञानिक
का कहना है कि लता मंगेशकर जैसी आवाज ना कभी किसी गायक की सुनी गई है और ना ही भविष्य में कभी सुनी जाएगी। लता जी को उनके
मधुर आवाज के लिए शुरों की देवी कहा जाता है और सभी नए एवं पुराने गायक उनके सम्मान में अपना सिर झुकाते हैं। आइए जानते हैं।

लता मंगेशकर का प्रारंभिक जीवन

लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था। उनके पिता का नाम दीनानाथ मंगेशकर था जो कि एक कुशल
एवं योग्य रंगमंचीय गायक थे। दीनानाथ जी ने अपनी बेटी लता जी को तब से संगीत सिखाना शुरू किया, जब वे 5 वर्ष की थी। उनके साथ- साथ उनकी बहनें आशा, ऊषा और मीना भी संगीत सीखा करतीं थीं।

शुरुआती पढ़ाई

लता ‘अमान अली ख़ान साहिब’ और बाद में ‘अमानत खान’ के साथ भी पढ़ीं है। लता मंगेशकर जी को हमेशा से ही से संगीत में रूची था और
वह ईश्वर के द्वारा नवाजे गए संगीत का उन्नहोंने हमेंशा ही कद्र करती थी, आपको बता दें की संगीत करियर समाप्त होने के बाद भी वो सुबह शाम
रियाज करती थी। सुरूवाती दौर में भी उन्हें जो कुछ भी सिखाया जाता था वह जल्द ही सिख जाती थी। इन्हीं विशेषताओं के कारण उनकी इस
प्रतिभा को बहुत जल्द ही पहचान मिल गई थी। लेकिन लता जी को पॉँच वर्ष की छोटी सी आयु में सबसे पहले एक नाटक में अभिनय
करने का अवसर मिला। शुरुआत अवश्य अभिनय से हुई थी लेकिन लता जी की रूची तो संगीत में ही थी। जब साल 1942 में इनके पिता की मौत हो गई। तब लता मंगेशकर केवल 13 साल की थीं। पिता के मृत्यु के बाद इनको और इनके परिवार को नवयुग चित्रपट फिल्म कंपनी के मालिक और इनके पिता के दोस्त
मास्टर विनायक (विनायक दामोदर कर्नाटकी) ने संभाला और लता मंगेशकर को एक कुशल सिंगर और अभिनेत्री बनाने में मदद की।

गायकी में करियर

सफलता की राह कभी भी आसान नहीं होती है ये बात तो आप और हम सबको पता है। लता जी को भी संगीत की दुनिया में अपने लिए जगह
बनाने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था, उनके पास अच्छी आवाज होते हुए भी उन्हें कठिनाईयों को सामना करना पड़ा था। आपको
बता दें की सुरुवात में कई संगीतकारों ने तो इनकी पतली आवाज़ के कारण इन्हें काम देने से साफ़ मना कर दिया था। उस समय की
प्रसिद्ध पार्श्र गायिका नूरजहाँ के साथ लता जी की तुलना की जाती थी। लेकिन धीरे-धीरे अपनी लगन और प्रतिभा के बल पर आपको काम
मिलने लगा। लता जी की अद्धत कामयाबी ने लता जी को फ़िल्मी जगत की सबसे मज़बूत महिला गायक बना दिया था।
लता जी को सर्वाधिक गीत रिकार्ड करने का भी गौरव प्राप्त है। फ़िल्मी गीतों के अतिरिक्त आपने गैरफ़िल्मी गीत भी बहुत खूबी के साथ गाए हैं,
आपके आवाज में यह झलकता है कि आप अपने संगीत को कितना पूजती थी। लता जी की प्रतिभा को पहचान सबसे पहले मिली सन्
1947 में, जब फ़िल्म “आपकी सेवा में’ उन्हें एक गीत गाने का मौक़ा मिला। इस गीत के बाद तो लता जी को हर संगीतकार अपने संगीत के लिए लता जी को ही कास्ट करना चहते थे, यही से ही आपको आपके करियर की पहली कामयाबी मिल गई, और एक के बाद एक बॉलीवुड़ के अलावा कई गीत गाने का मौक़ा मिला। भारत के आजादी के बाद आपने ऐ मेरे वतन के लोगों गीत गाया था जिसे आज भी लोग सुनकर उनकी आंखों में आंसु भर आते हैं। आपने
अपने साथ-साथ अपने बहनों का भी करियर संगीत की दुनिया में सवारा है। वो भी आपकी तरह ही अच्छी गायिका है।
लता मंगेशकर को सम्मानित की गई पुरस्कारों के नाम लता मंगेशकर को अनेक प्रतिष्ठ नागरिक सम्मानों और संगीत पुरस्कारों
से सम्मानित किया गया है। लता जी को मिले प्रमुख पुरस्कार एवं अलंकरणों की सूची इस प्रकार है।
1969 पद्य भूषण
1989 दादा साहब फाल्के पुरस्कार
1996 राजीव गांधी सद्धावना पुरस्कार
1999 पद् विभूषण 2001 भारत रत्न

गायक के अलावा संगीत निर्देंशक में काम

कम ही लोग जानते हैं कि लता मंगेशकर ने कुछ फिल्मों में संगीत भी दिया, ये फिल्में थीं- 1950 रामराम पाद्हणं 1962 मोहित्यांची मंजुला
1964 मराठा तितुका मेलवावा 1965 साधी माणसं 1969 तांबड़ी माती ‘रामराम पाव्हणं’ को छोड़कर अन्य सभी फिल्मों में उन्होंने आनंदथन के
नाम से संगीत निर्देशन किया। फिल्म निर्माता भी थी लता मंगेशकर उनकी बनाई फिल्मों की सूची इस प्रकार है- 1953 बादल 1953 झांझर 1955 कंचन 1990 लेकिन इनमें बादल फिल्म मराठी में थी, शेष सभी फिल्में हिन्दी भाषा में हैं। लता मंगेशकर की बनाई लेकिन’ फिल्म रवीन्द्रनाथ टैगोर की कहानी पर आधारित है और इसे खुब पसंद किया गया।

अविवाहित रही लता मंगेशकर

लता मंगेशकर ने शादी क्यों नहीं की लता मंगेशकर जिनकी आवाज की सारी दुनिया कायल है, उन्होंने शादी क्यों नहीं की। इस बारे में स्वयं लता
जी ने कई जगह साक्षात्कार में कहा है कि पिताजी के गुजर जाने के बाद सबसे बड़ी बेटी होने के कारण घर-परिवार चलाने की जिम्मेदारी मुझ पर आ गई। छोटे भाई-बहनों के जीवन के बारे में सोचने में इतनी व्यस्त रहीं कि खुद की शादी के बारे में फैसला करने का समय ही नहीं मिला।
लता जी के प्रसि् गीत
लता जी ने दो आंखें बारह हाथ, दो बीघा ज़मीन, मदर इंडिया, मुग़ल ए आज़म, आदि महान फ़िल्मों में गाने गाये हैं। “महल”, “बरसात”, “एक थी
लड़की”, “बड़ी बहन” आदि फ़िल्मों में अपनी आवाज़ के जादू से इन फ़िल्मों की लोकप्रियता में चार चांद लगाए। इस दौरान आपके कुछ
प्रसिद्ध गीत थे: “ओ सजना बरखा बहार आई” (परख-1960), “आजा रे परदेसी” (मधुमती-1958), “इतना ना मुझसे तू प्यार बढा” (छाया-
1961), “अल्ला तेरो नाम”, (हम दोनो-1961), “एहसान तेरा होगा मुझ पर’, (जंगली-1961), “ये समां'” (जब जब फूल खिले-1965) इनके
अलावा लता जीने संगीत की दुनिया को कुल 36000 गाने दिए हैं।

लता मंगेशकर जी से जुड़े कुछ बातें

लता मंगेशकर जी का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर मध्य प्रदेश में हुआ था। लता मंगेशकर जी के पिता का नाम दीनानाथ मंगेशकर जो पेशे से एक रंगमंचीय गायक थे। लता मंगेशकर की माता का नाम सुधा मति मंगेशकर था। लता मंगेशकर कुल तीन बहने और एक छोटा भाई है जिनमें आशा
भोंसले, मीना खादीकर और उषा मंगेशकर हैं और लता मंगेशकर के भाई का नाम वैद्यनाथ मंगेशकर है।

लता मंगेशकर जी का पहला गाना मराठी फिल्म किती हसाल का
नाचू या गड़े गाना था। लता मंगेशकर जी ने 20 भाषाओं में गाना गाए हैं। लता मंगेशकर जी का नाम गिनीज बुक ऑफ वल्ल्ड रिकॉर्ड में
1974 से 1991 तक दुनिया के सबसे अधिक गाना गाने वाली गायिका के तौर पर किया गया था। लता मंगेशकर जी को पद्मभूषण, पद्म विभूषण और भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। लता मंगेशकर जी को क्रमशः 1969 में पद्मभूषण, 1999 में पद्म विभूषण एवं साल 2001 में उन्हें भारत के
सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

Lata Mangeshkar

इन पुरस्कारों से नवाजा गया

1959: बेस्ट प्लेबैक सिंगर का फिल्मफेयर पुरस्कार (मथुमति)
1963: बेस्ट प्लेबैक सिंगर का फिल्मफेयर पुरस्कार (बीस साल बाद)
1966: बेस्ट प्लेबैक सिंगर का फिल्मफेयर पुरस्कार (खानदान)
1966: मराठी फिल्म सधी मानस के लिए बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का अवॉर्ड इसमें
उन्होंने ‘आनंदघन’ नाम से संगीत दिया था
1966: सधी मानस के लिए बेस्ट प्लेबैक सिंगर
1969: पद्य भूषण
1970: बेस्ट प्लेबैक सिंगर का फिल्मफेयर पुरस्कार (जीने की राह)
1972: फिल्म परिचय के गीतों के लिए बेस्ट प्लेबैक सिंगर का राष्ट्रीय फिल्म
पुरस्कार
1974: रॉयल अल्बर्ट हॉल लंदन में परफॉर्मेंस देने वाली पहली भारतीय बर्नीं
1974: भारतीय संगीत के इतिहास में सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने पर लता
मंगेशकर का नाम 1974 में गिनीज रिकॉर्ड में दर्ज किया गया
1974: फिल्म कोरा कागज के गीतों के लिए बेस्ट प्लेबैक सिंगर का राष्ट्रीय फिल्म
पुरस्कार
1977: जैत रे जैत के लिए बेस्ट प्लेबैक सिंगर
1989: दादा साहब फाल्के पुरस्कार
1989: पडম विभूषण
1990: श्री राजा-लक्ष्मी फाउंडेशन, चेन्नई द्वारा राजा-लक्ष्मी पुरस्कार
1990: फिल्म ‘लेकिन’ के गीतों के लिए बेस्ट प्लेबैक सिंगर का राष्ट्रीय फिल्म
पुरस्कार
1993: लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
1994: फिल्मफेयर स्पेशल अवॉर्ड
1996: स्टार स्क्रीन लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
1996: राजीव गांधी राष्ट्रीय सड़भावना पुरस्कार
1997: राजीव गांधी पुरस्कार
1997: महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार
1999: लाइफटाइम अचीवमेंट्स के लिए ज़ी सिने अवॉर्ड
1999: एनटीआर राष्ट्रीय पुरस्कार
2000: ITA लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
2001: हीरो होंडा और फाइल मैग्जीन “स्टारडस्ट”‘ द्वारा मिलेनियम की बेस्ट प्लेबैक
सिंगर (महिला)
2001: भारत रत्न
2001: महाराष्ट्र रत्न (पहला प्राप्तकता)
2002: आशा भोसले पुरस्कार (प्रथम प्राप्तकता)
2004: फिल्मफेयर स्पेशल अवॉर्ड
2007: फ्रांस सरकार ने उन्हें अपने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार (ऑफिसर ऑफ द
लीजन ऑफ ऑनर) से सम्मानित किया
2008: लाइफटाइम अर्चीवमेंट के लिए वन टाइम अवॉर्ड
2009: एएनआर राष्ट्रीय पुरस्कार
2019: भारत सरकार ने सितंबर 2019 में उनके 90वें जन्मदिन पर उन्हें डॉटर
ऑफ द नेशन अवॉर्ड से सम्मानित किया.

Lata Mangeshkar Death

कोकिला लता मंगेशकर उनकी यादें आज भी ताजा हैं। 6 फरवरी,2022 को निधन हो गया था. 92 साल उम्र में उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। अपने आठ दशक से ज्यादा के करियर में उन्होंने 36 भाषाओं में तकरीबन 50,000 से ज्यादा गाने गाए थे।
कलाकारों के परिवार से थीं स्वर कोकिला लता मंगेशकर की बहन और मशहूर गायिका आशा भौंसले के बारे मैें तो सभी जानते हैं। लता जी के परिवार में सभी कलाकार थे। उनके पिता एक थिएटर चलाया करते थे। एक दिन उन्होंने लता को गाते हुए सुना और उनकी मां से कहा कि हमारे घर पर ही एक गायक है। उनकी दो छोटी बहनें मीना खाडीकर और ऊषा मंगेशकर भी सिंगर हैं। 36 भाषाओं में दी है अपनी आवाज
लता जी ने सिर्फ हिंदी और उर्द् भाषाओं के गानों में ही राज नहीं किया बल्कि सारे देश में 36 भारतीय भाषाओं, मराठी, तमिल, भोजपुरी, कन्नड़ा, बंगाली जैसी कई भाषाओं में अपनी आवाज दी।


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5 Responses

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