राग भैरव || Raag Bhairav Notes || Raag Bhairav Parichay || Raag Bhairav Bandish
राग भैरव भैरव कोमल रिधम सुर तीख गंधार निषाद। धैवत वादी सुर कम्हो तासु ऋषभ संवाद।। राग भैरब की रचना अपने नाम वाले थाट से मानी गई है। इसलिए यह अपने थाट का आश्रय...
राग भैरव भैरव कोमल रिधम सुर तीख गंधार निषाद। धैवत वादी सुर कम्हो तासु ऋषभ संवाद।। राग भैरब की रचना अपने नाम वाले थाट से मानी गई है। इसलिए यह अपने थाट का आश्रय...
राग श्री कोमल रिघ तीवर नियम परि संवादी वादी |घम बरजे आरोहि में, यह श्रीराग अनादि || राग श्री को पूर्वी थाट से उत्त्पन्न माना गया है। इसमें ऋषभ – धैवत कोमल,मध्यम तीव्र व...
तालबद्ध तानें भरतमुनि कृत नाट्यशास्त्र में तान की व्युतपत्ति इस प्रकार बताई गई है तनोति विस्तार धञि तान इति स्मृतः। रागा यैस्तन्यते प्रायः स्वरास्तें तानका मताः।। “ अर्थात तान शब्द संस्कृत के तन धातु में...
Moorchhana मूर्छना भरत के अनुसार कर्म से सप्त स्वर का आरोह – अवरोह करने से मूर्छना की रचना होती है , लेकिन प्रश्न यह उठता है की किन सात स्वरों का आरोहावरोह किया जाय। उत्तर...
गंभीर रागों का परिचय राग परिवार (रागंग) और मिश्रित राग (जोड़ राग) Raga Parivar (Ragang) and Mixed Raga(Jod Raga) यह पृष्ठ भारतीय शास्त्रीय संगीत में कुछ अधिक वजनदार रागों के माध्यम से राग परिवारों...
राग कल्याण सब ही तीवर सुर जहां , वादी गन्धार सुहाय। अरु संवादी निखाद तें , ईमन राग कहाय।। इसे कल्याण ठाट से उत्पन्न माना गया है। इसलिये यह अपने ठाट का आश्रय राग...
कर्नाटक स्वर – लीपी पद्धति Qusestion- कर्नाटक स्वर – लिपि पद्धति एवं हिन्दुस्तानी स्वर – लिपि पद्धति को विस्तार से समझाएं। Ans – प्राचीन काल से सम्पूर्ण भारत में संगीत की केवल एक पद्धति थी ,...
Q – राग – रागिनी वर्गीकरण को विस्तार से समझाए ? Ans-राग – रागिनी वर्गीकरण – मध्यकाल की यह विशेषता थी की कुछ रागों को स्त्री और कुछ को पुरुष मानकर के रागों की...
घरानों के आधार पर रचनाएँभारतीय संगीत एक ऐसा कला है , जिसमे विभिन्न संगीत ने घरानो ने अपनी विभिन्न रचनाओं को अलकृत कर संगीत को सुखद्ध एवं लयबध्द बनाने का कार्य किया है। इसी प्रकार संगीत...
पश्चातत्य संगीत में रचना की मधुरता बढ़ाने के लिए कार्ड्स प्रयोग करते है। कार्ड्स के द्वारा हार्मनी (स्वर – संवाद) उत्पन्न की जाती है जिसमें मेल खाते हुए स्वरों को एक साथ बजाते हैं।...