Category: शास्त्रीय संगीत

सप्त वैदिक स्वर || सप्त स्वर का अर्थ || Seven Vedic Vowels || meaning of seven vowels ||

सप्त वैदिक स्वर को विश्तार से समझाए।  प्रागैतिहासिक काल से ही भारत में संगीत की परम्परा समृध्दि रही है। केवल कुछ देशों में ही संगीत की इतनी पुरानी एवं इतनी समृद्धि परम्परा पाए जाती...

संगीत एवं मनोविज्ञान || SANGEET EVAM MANOVIGYAN || BHARTIYA SANGEET EVAM MANOVIGYAN || CLASSICAL MUSIC

संगीत एवं मनोविज्ञान   * इन दोनों विषयों का सह – सम्बन्ध मुख्य रूप से सुन्ना व ध्वनि अभिव्यक्ति से है। सभी कलाओं में संगीत कला मनुष्य की अंतरिक प्रकृति , भावनाओं एवं विचारों को...

ABHIVYAKTI || भारतीय और पष्चातीय संगीत || CLASSICAL MUSIC || संगीत की उत्पत्ति || Sangeet ki Utpatti

 भारतीय और पाष्चातीय संगीत  संगीत के जन्म के सम्बन्ध में जितने भी अभिमत प्राप्ति हुए है ,वे प्रायः प्राकृतिक ,धार्मिक ,मनोवैज्ञानिक अभिमत से प्राप्त तथ्य है ,जिनके पूर्णरूप से प्रभाव एवं साक्ष्य उपलब्धि नहीं है। परन्तु...

बन्दिश प्रस्तुतीकरण की विशेषता ||bandish prastutikaran ki visheshta in hindi || CLASSICAL MUSIC

बन्दिश प्रस्तुतीकरण की विशेषता :-  कला साहित्य और संगीत में संरचना एक महत्वपूर्ण पहलू है। वस्तु के भाव को स्पष्ट तथा प्रसारित करना रचना का कार्य है। कलात्मक सांगीतिक अभित्यंजना के कारण बंदिश संगीतज्ञ...

सितार का इतिहास || sitar history || CLASSICAL MUSIC

 सितार का इतिहास                                    सितार की उत्पति के विषय में विद्वानों के भिन्न -भिन्न मत है। कुछ विद्वान...

शास्त्रीय संगीत और चित्रपट संगीत || Sugam Sangeet || शास्त्रीय संगीत और चित्रपट संगीत में अंतर

शास्त्रीय संगीत और चित्रपट संगीत में अंतर शास्त्रीय संगीत हम उसे कहते है जिसके कुछ विशेष नियम होते हैं। उन नियमो का पालन सदैव आवश्यक होता है। इसी प्रकार चित्रपट संगीत हम उसे कहेंगे...

ग्राम || sangeet mein kitne gram hote hain || संगीत में ग्राम के कितने प्रकार हैं || CLASSICAL MUSIC

ग्राम    हमारा प्राचीन संगीत ग्राम शब्द से संबध्द रहा है। भरत ने केवल दो ग्रामो – षडज ग्राम और मध्यम ग्राम का वर्णन किया है और गांधार ग्राम को स्वर्ग ,में बताया है।...

संगीत ही जीवन है || sangeet hi jeevan hai || sahitya sangeet kala vihin shlok in hindi || CLASSICAL MUSIC

संगीत और जीवन   साहित्य संगीत कला विहीनः ,   साक्षात पशुः पुच्छ विषाण हिनः।   जीवन का तात्पर्य मानव जीवन से है ,पशु – पक्षी जीवन से नहीं और संगीत से तात्पर्य केवल शास्रीय –...