राग भैरव || Raag Bhairav Notes || Raag Bhairav Parichay || Raag Bhairav Bandish
राग भैरव भैरव कोमल रिधम सुर तीख गंधार निषाद। धैवत वादी सुर कम्हो तासु ऋषभ संवाद।। राग भैरब की रचना अपने नाम वाले थाट से मानी गई है। इसलिए यह अपने थाट का आश्रय...
राग भैरव भैरव कोमल रिधम सुर तीख गंधार निषाद। धैवत वादी सुर कम्हो तासु ऋषभ संवाद।। राग भैरब की रचना अपने नाम वाले थाट से मानी गई है। इसलिए यह अपने थाट का आश्रय...
के मुख्य भेद नाद के मुख्यतः दो भेद होते हैं आहत नाद आहत नाद वायु के आघात से हृदय, कंठ और तालु इन स्थानों से उत्तपन्न होता है। यह नाद सगीतोपयोगी मना जाता है।...
वायलिन एक विशिष्ट आकार के गज से बजने वाला चार तारों से युक्त पाश्चात्य वाद्ययंत्र है। भारत में वायलिन का सर्वपर्थम प्रयोग बालुस्वामी दीक्षित ने कराया था। जबकि एन राजम एवं डी. के दात्तार...